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हिन्दी साहित्य में मीराबाई एक अध्ययन
Authors
डॉ. फेदोरा बरवा
Abstract
आज मीराबाई का नाम श्री कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति और उनकी कलाकृतियों के लिए सम्मानपूर्वक लिया जाता है। महान संत कवियत्री मीरा बाई कृष्ण की भक्त थीं। मीरा बाई ने अपने जीवन में बहुत कष्ट सहे थे। एक राजघराने में जन्म लेने और विवाह करने के बावजूद मीरा बाई को बहुत कष्ट सहना पड़ा। इस वजह से उनके अंदर अलगाव भर गया और वे कृष्ण की भक्ति की ओर आकर्षित हो गईं। कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति चरम स्तर तक बढ़ गई। मीराबाई पर अनेक भक्ति संगठनों का प्रभाव था। इसका चित्रण उनकी रचनाओं में मिलता है। श्पदावलीश् मीराबाई की प्रमुख प्रामाणिक अद्भुत रचना है। रामरतन पायो जी मैंने पायो। यह मीराबाई की प्रसिद्ध रचना है। वह खुद को ’मीरा के स्वामी गिरिधर नागर’ कहती हैं।
Keywords
साहित्य, भक्ति, मीराबाई, प्रेम-भाव, माधुर्यभाव
Citation
हिन्दी साहित्य में मीराबाई एक अध्ययन. डॉ. फेदोरा बरवा. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 2. Pages 1-4. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2412064