Paper Details
दक्षिणी एशिया में नाभिकीय करण
Authors
ओमप्रकाश चौधरी
Abstract
भारतीय राजनीति, जो विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रणाली के रूप में जानी जाती है, समय-समय पर विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक परिवर्तनों से प्रभावित होती रही है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही भारतीय राजनीति में निरंतर बदलाव आए हैं, और यह बदलाव अब तक जारी हैं। स्वतंत्रता संग्राम से उत्पन्न विचारधाराओं ने देश के राजनीतिक ढांचे को आकार दिया था, और अब, वैश्वीकरण, तकनीकी विकास और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के कारण भारतीय राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी है। आज के परिपेक्ष्य में, भारतीय राजनीति ने एक नया रूप लिया है, जिसमें पृष्ठभूमि में तकनीकी विकास, वैश्वीकरण, और जातिवाद जैसी पुरानी समस्याओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार, धर्मनिरपेक्षता, और आर्थिक असमानता जैसे नए मुद्दों का प्रभाव देखा जा सकता है। यह सभी मुद्दे भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, जो राजनीतिक दलों, नीतियों, और चुनावी रणनीतियों को प्रभावित करते हैं। भारत में राजनीतिक दलों का भूमिकाएं बदल रही हैं, और विभिन्न समुदायों के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग की राजनीति ने इसे और अधिक जटिल बना दिया है। इसके अलावा, भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया और दलों के बीच की कूटनीतिक प्रतिस्पर्धा, जिसमें राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण बन गई है, एक नया आयाम प्रस्तुत कर रही है। इसके अलावा, भारतीय राजनीति में धर्मनिरपेक्षता, आर्थिक समृद्धि, और सामाजिक न्याय की आवश्यकता जैसे मुद्दे और उनके समाधान भी केंद्रित हो रहे हैं।
यह लेख भारतीय राजनीति के वर्तमान परिपेक्ष्य को समझने का प्रयास करता है, जिसमें भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाएगा, जैसे चुनावी राजनीति, पार्टी व्यवस्था, नीति निर्धारण, और वैश्विक संबंध। इसके माध्यम से भारतीय राजनीति के समकालीन परिप्रेक्ष्य को व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाएगा और यह समझने की कोशिश की जाएगी कि यह राजनीतिक रूपरेखा देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, विकास, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर किस प्रकार प्रभाव डाल रही है।
Keywords
नाभिकीयकरण, दक्षिणी एशिया, भारत, पाकिस्तान, सुरक्षा, कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, परमाणु शक्ति
Citation
दक्षिणी एशिया में नाभिकीय करण. ओमप्रकाश चौधरी. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 1. Pages 1-5. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2411095