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Publication Number

2410043

 

Page Numbers

1-7

Paper Details

हिंदी कविता में प्रतीकवाद का प्रयोग: निराला, अज्ञेय और मुक्तिबोध का गहन अध्ययन

Authors

डॉ.ओमप्रकाश दुबे

Abstract

हिंदी साहित्य में प्रतीकवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो कविता में निहित गहन अर्थों को व्यक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है। प्रतीकों का उपयोग करके, कवि भाषा की सीमाओं को पार कर सकते हैं, जिससे उनकी रचनाएँ अधिक विस्तृत और सूक्ष्म दृष्टिकोण को मूर्त रूप दे सकती हैं। आधुनिक हिंदी कविता में तीन प्रमुख व्यक्ति- निराला, अज्ञेय और मुक्तिबोध- न केवल प्रतीकवाद के अपने अभिनव उपयोग के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने इसे कलात्मक अभिव्यक्ति के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में भी स्थापित किया है। इस शोध पत्र में, हम इन तीन प्रभावशाली कवियों की रचनाओं में मौजूद प्रतीकात्मक तत्वों की व्यापक खोज करेंगे। हमारा उद्देश्य उन तरीकों पर गहराई से विचार करना है, जिनसे उनके प्रतीकवाद का उपयोग उनके समाज की जटिलताओं एवं , उनके द्वारा लिखे गए ऐतिहासिक संदर्भ और मानवीय अनुभवों की जटिल प्रकृति को उजागर करता है। इस विश्लेषण के माध्यम से, हम उन अर्थों को स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे जो प्रतीकवाद उनकी कविता में है और यह कैसे उनके समय की वास्तविकताओं को दर्शाता है।

Keywords

हिंदी कविता, प्रतीकवाद, निराला, अज्ञेय, मुक्तिबोध, छायावाद, आधुनिक कविता, सामाजिक संघर्ष, आध्यात्मिकता, अस्तित्ववाद, काव्यात्मक प्रतीक, भाषाई अलंकार, साहित्यिक धारा, व्यक्तिगत अनुभव, मानवता और संवेदनाएँ, सामाजिक अन्याय, संघर्ष और प्रेम, कविता का अर्थ, काव्य विश्लेषण, कविता की विविधता।

 

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Citation

हिंदी कविता में प्रतीकवाद का प्रयोग: निराला, अज्ञेय और मुक्तिबोध का गहन अध्ययन. डॉ.ओमप्रकाश दुबे. 2023. IJIRCT, Volume 9, Issue 6. Pages 1-7. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2410043

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