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Publication Number

2410039

 

Page Numbers

1-7

Paper Details

प्राचीन भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति पूजा

Authors

प्रियंका, डॉ. अर्चना सिंह

Abstract

इतिहास निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें वर्तमान में घटित हो रही समस्त घटनाएं भूतकाल में पहुँचते ही इतिहास की विषय-वस्तु बन जाती है। प्रकृति एवं पर्यावरण के दायरे मंे घट रही घटनाएं भी इतिहास बन जाती है। मनुष्य ने जब से पृथ्वी पर अपनी आँखे खोली है, उसने स्वयं को प्रकृति की गोद में पाया है। उसने प्रकृति को समझने का प्रयास किया तथा प्रकृति भी उसकी पालक बनी। वह पूर्ण रूप से प्रकृति पर ही निर्भर है। प्रकृति ने मनुष्य का हर कदम पर साथ दिया है, उसने उसको जीने के लिए वायु, जल, भोजन, तन ढकने के लिए वस्त्र तथा रहने के लिए आवास जैसी मूलभूत आवश्यक वस्तुयें प्रदान की। मनुष्य के विकास में प्रकृति का अमूल्य योगदान है। पर्यावरण व प्रकृति संरक्षण की अवधारणा भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही विद्यमान रही है। भारतीय सांस्कृतिक चिंतन व दर्शन में प्रकृति को ही समस्त प्राणियों के जीवन का आधार माना गया है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति को इतना महत्व दिया गया है कि मनुष्य को प्रकृति से अलग कर देने का कोई स्थान ही नहीं है, हालांकि प्राचीन भारतीय संस्कृति में वर्तमान की तरह पर्यावरण का अध्ययन नहीं किया जाता था, लेकिन प्राचीन ऋषि-मुनि प्रकृति के मौलिक सिद्धान्तों के प्रति बहुत सचेत रहते थे। वे जानते थे कि प्रकृति का विनाश अपने स्वयं के क्रमिक उन्मूलन का वापस लौट आता है। मानव सभ्यता और संस्कृति का विकास पर्यावरण के सामंजस्य व समाकूलन का परिणाम है, परन्तु वर्तमान में प्रकृति ने जो हमें मुफ्त में प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराये है उनका अत्यधिक दोहन के कारण पर्यावरण सामंजस्य बिगड गया है। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व इस संकट से जूझ रहा है। आज न मनुष्य के पास सांस लेने के लिए स्वच्छ वायु है न ही पीने के लिए स्वच्छ जल और न ही स्वच्छ खाना। अपने आर्थिक विकास के क्रम में मनुष्य ने प्रकृति की हर चीज में विष भर दिया है। विश्व की समस्त संस्कृतियों व परम्पराओं के चिन्तकों, प्रबुद्धजनांे एवं सरकारों का आज पर्यावरण की शुद्धता, अक्षुण्णता एवं संरक्षण पर गहराई पूर्वक विचार किया जा रहा है ताकि प्राकृतिक पर्यावरण हमारे व हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ रहे। जिससे प्रकृति को भी कोई नुकसान न हो मानव व अन्य प्राणियों का जीवन भी स्वच्छ व स्वस्थ रहे।

Keywords

भारतीय संस्कृति, प्रकृति, पर्यावरण आदि

 

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Citation

प्राचीन भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति पूजा. प्रियंका, डॉ. अर्चना सिंह. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 1. Pages 1-7. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2410039

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