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Publication Number

2408039

 

Page Numbers

1-6

Paper Details

डॉ. भीमराव अंबेडकर का आधुनिक समाज पर प्रभाव एक ऐतिहासिक अवलोकन

Authors

बजरंग लाल मीना

Abstract

आज बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्व के सबसे बड़े संविधान के निर्माता और ‘‘सिम्बल ऑफ नॉलेज’’ के नाम से जाना जाता है। कहते हैं 21वीं सदी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की है। उनके लोकतान्त्रिक विचारों का असर समाज में, दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आज डॉ.् भीमराव अम्बेडकर का भारतीय समाज में वंचितों के सम्मान की लड़ाई शुरू करने के उनके अभूतपूर्ण योगदान के लिए, वे दलितों और पिछड़ों के लिए एक सूर्य समान हैं, जिनसे वे रोशनी, जीवन और उर्जा प्राप्त करते हैं। समय बीतने के साथ-साथ बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ती ही जा रही है। दलितों तथा गैर दलितों के बीच उनकी तरह.तरह से व्याख्या की जा रही है। अंबेडकर के विचारों के तीन प्रमुख स्रोत थे। पहला उनका अपना अनुभव, दूसरा-महात्मा ज्योतिबा फूले का सामाजिक आंदोलन तथा तीसरा-बुद्धिज्म। इन स्रोतों की जड़ में भारत की अमानवीय जाति व्यवस्था थी। डॉ. अबेडकर को भी छुआछूत तथा जातीय घृणा का शिकार होना पड़ा था, जिससे खिन्न होकर उन्होंने इसे खत्म करने का अभियान चलाया। उन्होंने जाति व्यवस्था की ईश्वरीय अवधारणा का तीखा विरोध किया और इसे मानव निर्मित बताया। इस संदर्भ में उनके महात्मा गांधी से वैचारिक मतभेद उभर कर सामने आए। गांधीजी कहते थे कि छुआछूत मानव की देन है इसलिए मानव प्रदत्त छुआछूत से तो लड़ना चाहिए, जबकि ईश्वरीय जाति व्यवस्था के विरुद्ध आवाज नहीं उठानी चाहिए। गांधीजी की इस ईश्वरीय अवधारणा के विरुद्ध अंबेडकर चट्टान की तरह खड़े हो गए। यद्यपि छुआछूत निवारण के अभियान में गांधीजी की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती, लेकिन उनकी ईश्वरीय अवधारणा की दलितों ने तीव्र आलोचना की। जाति की ईश्वरीय अवधारणा के चलते डॉ. अंबेडकर ने जाति व्यवस्था को हिंदू धर्म की प्राणवायु बताया और साफ शब्दों में कहा कि ऊंच-नीच के भेदभाव के चलते हिंदू धर्म कभी मिशनरी धर्म नहीं बन पाया, जबकि अन्य धर्म जैसे बौद्ध धर्म अनेक देशों की सीमा पार कर गए। जाति व्यवस्था विरोधी, अहिंसक तथा विश्वबुंधत्ववादी होने के कारण डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया। इन्हीं कारणों से उन्होंने बौद्ध धर्म को दलितों के लिए सबसे उचित धर्म बताया। संक्षेप में डॉ. अंबेडकर का यही सामाजिक चिंतन था। संविधान के माध्यम से उन्होंने भारतीय जनतंत्र को विकासशील बनायाए जिस कारण देश की एकता मजबूत हुई।

Keywords

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Citation

डॉ. भीमराव अंबेडकर का आधुनिक समाज पर प्रभाव एक ऐतिहासिक अवलोकन. बजरंग लाल मीना. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 4. Pages 1-6. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2408039

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