Paper Details
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषदः समन्वय और कार्य प्रणाणी
Authors
कुम्हेर सिंह जाटव
Abstract
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का अन्तर्सम्बन्ध इतना गहरा है कि मंत्रिमंडलीय शासन को प्रधानमंत्रीय शासन के नाम से ही जाना जाता है। कोई भी मंत्रिमंडल प्रधानमंत्री का ही मंत्रिमंडल होता है। वह मंत्रिमण्डल का निर्माण करता है। अनेक प्रधानमंत्री किचन केबिनेट का निर्माण भी करते हैं वह मंत्रिमण्डल में विभागों का वितरण करता है। वही मंत्रियों के कार्यो का मार्गदर्शन, निर्देशन, नियंत्रण समन्वय तथा संचालन करता है प्रत्येक प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमण्डल के निर्माण मे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अल्पसंख्यक वर्ग, अनुभव, विशेषज्ञता, युवा वर्ग, दलित एवं महिलाओं को केन्द्र में रखते है। इनके आधार पर मंत्रिपद वितरित किए जाते हैं। उन्हें अनेक तथ्यों का ध्यान रखना पड़ता है किन्तु वह अनेक बार मंत्रिमण्डल का पुनगर्ठन करके अपनी सर्वोच्च शक्ति का परिचय देते हैं वह किसी मंत्री को पदोन्नत तो किसी को पदावनत करते हैं। मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री की सर्वोच्च शक्ति का विश्लेषण करना कि मंत्रिमण्डल का जीवन और मरण प्रधानमंत्री के हाथ में ही होता है। वह मंत्रीमंडल का निर्माण, विभागों का वितरण, नवीन विभागों का निर्माण, विभागों का स्थानान्तरण तथा केबिनेट का पुनर्गठन जब चाहे कर सकता है। उस पर कोई रोक नहीं है। आम चुनाव में उसके दल को पूर्ण बहुमत मिलनें पर वह नक्षत्रों के बीच चन्द्रमा बन जाता है।
Keywords
साझा मंत्रिपरिषद, अर्न्तसम्बन्ध, अन्तर्क्रिया, परिचालक यंत्र, कौंसिल ऑफ मिनिस्टर्स, अवधि, प्रसाद पर्यन्त, उत्तरदायित्व, संविधान सभा, पुनर्गठन, केबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, समर्थन, एन.डी.ए., यू. पी.ए तथा फेरबदल।
Citation
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषदः समन्वय और कार्य प्रणाणी. कुम्हेर सिंह जाटव. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 3. Pages 27-32. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2406060