Paper Details
बाल्यावस्था में संतुलित आहार की आवश्यकता का दृष्टिकोण
Authors
दमयंती सैनी
Abstract
बालक या बालिका का बाल्यावस्था में उत्तम पोषित किये जाने से उनके षरीर का संगठन एवं संरचना अच्छी होती है। बालक या बालिका का बाल्यावस्था में उनके उनके षरीर का संगठन एवं संरचना तथा कुछ हद तक उनकी सक्रीयता पर पोषक आवश्यकताएं निर्भर करती है। साथ हीं वृद्धि की दर, एवं सक्रियता उसके पोषण के परिणात्मक एवं गुणात्मक स्थिति से प्रभावित होती है। अपूर्ण रूप स पोषित बच्चा या पोषण के परिणात्मक एवं गुणात्मक स्थिति सही नहीं होने से बच्चा शीघ्र कुपोषित होकर संक्रामक रोगों का शिकार हो जाता है। शैशवस्था मानव जीवन के प्रारंभ का समय माना गया है। यहीं से बालक या बालिका का बाल्यावस्था प्रारंभ होती है। यह अवस्था सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक एवं अन्य विकास के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
Keywords
शारीरिक, मानसिक, विकास बाल्यावस्था, संतुलित आहार
Citation
बाल्यावस्था में संतुलित आहार की आवश्यकता का दृष्टिकोण. दमयंती सैनी. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 3. Pages 1-3. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2406055