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Publication Number

2306003

 

Page Numbers

1-13

Paper Details

अरस्तु के राजनैतिक एवं सामाजिक आदर्शों का न्याय दर्शन में योगदान : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Authors

मंजू सुपुत्री रोहताश

Abstract

अरस्तु को इस बात का भी श्रेय दिया जाता है कि उसने राजनीति को फुटकर विचारों से ऊपर उठाकर स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता दिलाने का काम किया। उससे पूर्व वह धर्म-दर्शन का हिस्सा थी। भारत में तो वह आगे भी बनी रही। अरस्तु का समकालीन चाणक्य ’अर्थशास्त्र’ में अपने राजनीतिक विचारों को सामने रखता है और मजबूत केंद्र के समर्थन में तर्क देते हुए राज्य की सुरक्षा और मजबूती हेतु अनेक सुझाव भी देता है, परंतु ’अर्थशास्त्र’ और ’पॉलिटिक्स’ की विचारधारा में खास अंतर है। यह अंतर प्राचीन भारतीय और पश्चिम के राजनीतिक दर्शन का भी है। उनमें अरस्तु की विचारधारा आधुनिकता बोध से संपन्न और मानव मूल्यों के करीब है। ’पॉलिटिक्स’ के केंद्र में भी मनुष्य और राज्य है। दोनों का लक्ष्य नैतिक एवं सामाजिक उद्देश्यों की प्राप्ति है। अरस्तु के अनुसार राजनीतिक-सामाजिक आदर्शों की प्राप्ति के लिए आवश्यक है नागरिक और राज्य दोनों अपनी-अपनी मर्यादा में रहें। सामान्य नैतिकता का अनुपालन करते हुए एक- दूसरे के हितों की रक्षा करें। इस तरह मनुष्य एवं राज्य दोनों एक-दूसरे के लिए साध्य भी साधन भी।’अर्थशास्त्र’ में राज्य अपेक्षाकृत शक्तिशाली संस्था है। उसमें राज्य हित के आगे मनुष्य की उपयोगिता महज संसाधन जितनी है। लोककल्याण के नाम पर चाणक्य यदि राज्य के कुछ कर्तव्य सुनिश्चित करता है तो उसका ध्येय मात्र राज्य के लिए योग्य मनुष्यों की आपूर्ति तक सीमित हैं।’पॉलिटिक्स’ के विचारों के केंद्र में नैतिकता है। वहां राज्य का महत्त्व उसके साथ पूरे समाज का हित जुड़े होने के कारण है। राज्य द्वारा अपने हितों के लिए नागरिक हितों की बलि चढ़ाना निषिद्ध बताया गया है। दूसरी ओर ’अर्थशास्त्र’ के नियम नैतिकता के बजाए धर्म को केंद्र में रखकर बुने गए हैं, जहां ’कल्याण’ व्यक्ति का अधिकार न होकर, दैवीय अनुकंपा के रूप में प्राप्त होता है। जिसका ध्येय राज्य की मजबूती और संपन्नता के लिए आवश्यक जनबल का समर्थन और सहयोग प्राप्त करना है। ठीक ऐसे ही जैसे कोई पूंजीपति श्रमिक कामगार को मात्र उतना देता है, जिससे वह अपनी स्वामी के मुनाफे में उत्तरोत्तर संवृद्धि हेतु अपने उत्पादन-सामर्थ्य को बनाए रख सके।

Keywords

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Citation

अरस्तु के राजनैतिक एवं सामाजिक आदर्शों का न्याय दर्शन में योगदान : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. मंजू सुपुत्री रोहताश. 2023. IJIRCT, Volume 9, Issue 3. Pages 1-13. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2306003

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