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Publication Number

1701004

 

Page Numbers

5-8

Paper Details

मध्ययुगीन हिन्दू शिक्षा व्यवस्था

Authors

डॉ. राकेश रंजन सिन्हा

Abstract

प्राचीन हिन्दू शिक्षा प्रणाली और शिक्षा पद्धति मध्ययुग में साथ-साथ प्रचलित रही। इस्लाम के आगमन और उसके प्रारंभिक शासकों द्वारा धार्मिक अत्याचारों के फलस्वरूप प्राचीन भारत के तक्षषिला, नालंदा और विक्रमषिला जैसे हिन्दू शिक्षा के सुप्रसिद्ध विद्या केन्द्रों का पराभव हो गया। मंदिरों और मठों के ध्वंस से भी पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था की क्षति हुई, क्योंकि इनके साथ हिन्दु प्राथमिक षिक्षण संस्थाएँ संलग्न थी। परन्तु हिन्दूओं का सामाजिक आधार ठोस होने के कारण इस्लामी शिक्षा व्यवस्था, हिन्दु शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित न कर सकी। राजनैतिक उथल-पुथल केवल नगरों तक सीमित रहती थी। नगरांे में हिन्दू षिक्षा व्यवस्था को इस काल में बड़ा आघात पहुँचा, परन्तु गाँव और दूरवर्ती क्षेत्रों में हिन्दू षिक्षण संस्थाएँ बिना किसी व्यवधान के कार्य करती रही। इसके अतिरिक्त कुछ सन्त और दार्षनिक ने हिन्दू शिक्षा पद्धति और संस्कृति को बनाये रखने के लिए अपनी आवाज उठाई। साथ ही साथ विजय नगर के राजाओं, देवगिरी के यादवों, मदुरा के नायकों, त्रावणकोर के राजाओं, राजपूत नरेषों तथा हिन्दू शासकों ने ऐसी षिक्षण संस्थाओं को आश्रय प्रदान किया। इसके अलावा मुगलों के आगमन तथा उसके कुछ शासकों, विषेषकर अकबर और जहाँगीर के द्वारा प्रबुद्ध नीति अपनाये जाने पर हिन्दू शिक्षा को पुनः बल मिला।

Keywords

 

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Citation

मध्ययुगीन हिन्दू शिक्षा व्यवस्था. डॉ. राकेश रंजन सिन्हा. 2017. IJIRCT, Volume 3, Issue 1. Pages 5-8. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=1701004

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